Yoga Mudras: इन 7 योग मुद्राओं से दूर हो सकती हैं दर्द, तनाव जैसी समस्याएं और कई बीमारियां

दर्द, बीमारी, तनाव आद‍ि समस्‍याओं में योग की कुछ मुख्‍य मुद्राएं फायदेमंद मानी जाती हैं, जानते हैं उनके बारे में

Yashaswi Mathur
Written by:Yashaswi MathurPublished at: Feb 16, 2022

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शरीर में होने वाली कई बीमारी, मानस‍िक समस्‍याएं दर्द आद‍ि से छुटकारा पाने के ल‍िए आप योग मुद्रा का सहारा ले सकते हैं। इनका महत्‍व व‍िभ‍िन्‍न धार्म‍िक ग्रंथों में बताया गया है। शारीर‍िक और मानस‍िक स्‍वास्‍थ्‍य को बेहतर रखने में मुद्राएं अहम क‍िरदार न‍िभाती हैं। हाथों से क‍िए जाने वाले योग आसान को मुद्रा कहा जाता है। वैसे तो कई ग्रंथों में 399 योग मुद्राओं का ज‍िक्र म‍िलता है और करीब 108 तांत्र‍िक मुद्राएं होती हैं, ज‍िनमें से हम आपको आज 7 मुख्‍य मुद्राओं के फायदे और मुद्रा को करने के तरीके के बारे में बताएंगे।

1. ल‍िंग मुद्रा (Ling mudra)

1. ल‍िंग मुद्रा (Ling mudra)
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ल‍िंग मुदा को करने से गले में खराश की समस्‍या दूर होती है, इस मुद्रा को करने से रेस्‍प‍िरेटरी ऑर्गन ठीक रहते हैं और शरीर में गर्मी को प्रोत्‍साहन म‍िलता है। इस मुद्रा को करने के ल‍िए आपको दोनों हाथों का इस्‍तेमाल करना है। ल‍िंग मुद्रा बनाने के ल‍िए दोनों हाथों की सभी उंगल‍ियों को जोड़ लें, अब सीधे हाथ के अंगूठे को उल्‍टे हाथ के अंगूठे के न‍िचछे भाग पर रखें और उल्‍टे हाथ के अंगूठे को ऊपर आसमान की ओर उठा लें। इस मुद्रा में 2 मि‍नट तक रहें और फ‍िर सामान्‍य स्‍थ‍ित‍ि में आ जाएं।

2. वरुण मुद्रा (Varun mudra)

2. वरुण मुद्रा (Varun mudra)
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वरुण मुद्रा को आप द‍िन में दो बार 15 म‍िनट के ल‍िए कर सकते हैं। इस मुद्रा को करने के ल‍िए आपको सबसे छोटी वाली उंगली या आख‍िरी उंगली को अंगूठे से म‍िलाना है और बाक‍ि तीन उंगलि‍यों को सीधा रखना है। इस मुद्रा को करने से कब्‍ज और ऐंठन की समस्‍या से न‍िजात म‍िलता है। ज‍िन महिलाओं को अन‍ियम‍ित पीर‍ियड्स की समस्‍या होती है उन्‍हें भी ये मुद्रा को अपनाना चाह‍िए।  

3. प्राण मुद्रा (Prana mudra)

3. प्राण मुद्रा (Prana mudra)
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प्राण मुद्रा करने के ल‍िए आपको अंत की दो उंगल‍ियों को अंगूठे से जोड़ना है। इस मुद्रा को आप कभी भी और कहीं भी कर सकते हैं। इस मुद्रा को करने से जीवन अवध‍ि बढ़ती है इसल‍िए इसे प्राण मुद्रा का नाम द‍िया गया है। अगर आपका मन अस्‍थिर या ड‍िप्रेशन है तो आपको इस मुद्रा को अपनाना चाह‍िए। ज‍िन लोगों को ज्‍यादा आलस्‍य आता है उन्‍हें ये मुद्रा जरूर करनी चाह‍िए, इससे शरीर को एनर्जी म‍िलती है।

4. वायु मुद्रा (Vayu mudra)

4. वायु मुद्रा (Vayu mudra)
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वायु मुद्रा की मदद से हार्ट को हेल्‍दी रखने में म‍दद म‍िलती है। इसके जर‍िए आप गैस की समस्‍या से भी न‍िजात पा सकते हैं और च‍िंतामुक्‍त रह सकते हैं। आप वायु मुद्रा को द‍िन में 2 बाद 10 म‍िनट के ल‍िए कर सकते हैं। इस मुद्रा को करने के ल‍िए दोनों हाथों की आख‍िरी 3 उंगल‍ियों को मोड़कर बंद कर लें फ‍िर अंगूठे और तर्जनी यानी अंगूठे के बगल वाली उंगली को जोड़ लें। आपको ऐसे उंगल‍ी को मोड़ना है और अंगूठे को उसके ऊपर रखकर मोड़ना है।

5. पृथ्वी मुद्रा (Prithvi mudra)

5. पृथ्वी मुद्रा (Prithvi mudra)
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पृथ्‍वी मुद्रा को करने के ल‍िए तीसरी उंगली और अंगूठे को जोड़ लें और बाक‍ि उंगल‍ियों को सीधा रखें। इस मुद्रा को आप कहीं भी और कभी भी कर सकते हैं। इस मुद्रा को करके आप शरीर में कमजोरी की समस्‍या से बच सकते हैं। इस मुद्रा को करने से कार्य क्षमता भी बढ़ती है।

6. अपान मुद्रा (Apaan mudra)

6. अपान मुद्रा (Apaan mudra)
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आप अपान मुद्रा का इस्‍तेमाल कब्‍ज, बवासीर जैसी समस्‍याओं से छुटकारा पाने के ल‍िए कर सकते हैं। इससे छुटकारा पाने के ल‍िए आपको अपान मुद्रा को रोजाना 10 से 15 म‍िनट के लिए 2 बाद करना चाह‍िए। अपान मुद्रा को करने के ल‍िए आपको बीच की 2 उंगलि‍यों को अंगूठे से छूना है और बाक‍ि 2 उंगल‍ियों को सीधा रखना है। ये मुद्रा आपको दोनों हाथों से करनी है।

7. शून्य मुद्रा (Shunya mudra)

7. शून्य मुद्रा (Shunya mudra)
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शून्‍य मुद्रा को करने के ल‍िए आपको दूसरी उंगली और अंगूठे को छूना है और बाक‍ि तीन उंगल‍ियों को सीधा रखना है। इस मुद्रा को आप रोजाना 5 से 10 म‍िनट के ल‍िए दो बार करें। इस मुद्रा को आपको दोनों हाथों से करना है। ज‍िन लोगों के कान में क‍िसी क‍ारण से दर्द होता है उन्‍हें ये मुद्रा करनी चाह‍िए। अगर आप मानस‍िक समस्‍या से गुजर रहे हैं या शरीर में सुस्‍ती है तो भी ये मुद्रा फायदेमंद मानी जाती है।

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