गर्भावस्‍था जांच

प्रेग्नेंसी सिर्फ एक महिला के जीवन का ही एक बड़ा फेज नहीं होता बल्कि एक पुरुष के जीवन में भी इसका उतना ही असर होता है। दो लोग जब माता-पिता बनने के लिए तैयार होते हैं, तो कि इसकी पहली आहत महिला के स्वास्थ्य में हो रहे बदलावों से आती है। पर कई बार गर्भावस्था के लक्षणों को सामने आने में थोड़ा वक्त लग जाता है, ऐसे में जो महिलाएं एक्टिव तौर पर प्रेग्नेंसी के लिए ट्राई कर रही होती हैं वो इस खुशखबरी को जानने के लिए प्रेग्नेंसी टेस्ट (pregnancy test in hindi) कर सकती हैं। जी हां, ज्यादातर महिलाओं को प्रेग्नेंसी का पता तब चलता है, जब वो पीरियड्स मिस कर जाती हैं और उनमें बाकी लक्षण नजर आने लगते हैं। तो आइए जानते हैं प्रेगनेंसी टेस्ट से जुड़ी कुछ जरूरी बातें। 

प्रेग्नेंसी टेस्ट कैसे होता है -How pregnancy tests work

जो लोग माता-पिता बनने के लिए एक्टिव रूप से ट्राई कर रहे होते हैं या कई बार अनचाही गर्भावस्था के मामले में,  महिलाएं अक्सर पीरियड्स मिस करने के बाद प्रेग्नेंसी टेस्ट करती हैं। प्रेग्नेंसी टेस्ट आमतौर पर सबसे सटीक परिणाम पीरियड्स मिस होने के एक हफ्ते बाद चेक करने पर देते हैं। इसलिए डॉक्टरों का सुझाव यही होता है कि पीरियड्स मिस करने का इंतजार करें। इसके अलावा अगर आप अपनी पीरियड्स मिस करने तक इंतजार नहीं करना चाहते हैं, तो आपको सेक्स करने के बाद कम से कम एक से दो सप्ताह तक इंतजार करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि अगर आप गर्भवती हैं, तो आपके शरीर को एचसीजी (hCG-human chorionic gonadotropin) के पता लगाने योग्य स्तरों को विकसित करने के लिए समय की आवश्यकता होती है। आमतौर पर एक अंडे के सफल आरोपण (implantation)के बाद सात से 12 दिन लगते हैं। अगर आप जल्दी-जल्दी टेस्ट करेंगे, तो आपका रिजल्ट नेगेटिव आएगा।

प्रेग्नेंसी टेस्ट में hCG की क्या भूमिका है-What is hCG in pregnancy?

एचसीजी (hCG-human chorionic gonadotropin), गर्भावस्था के दौरान उत्पादित एक प्रोटीन-आधारित हार्मोन है जो एक महिला के शरीर को बताता है कि वह गर्भवती है। एचसीजी प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन जैसे महत्वपूर्ण हार्मोन के उत्पादन को बनाए रखने में मदद करता है, जो भ्रूण और भ्रूण के विकास के लिए आवश्यक है। मानव कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (hCG) नामक हार्मोन के लिए गर्भावस्था के परीक्षण के लिए आपको पेशाब या ब्लड की जांच करवानी होती है। फर्टिलाइज्ड एग के गर्भाशय में इंप्लांटेशन के बाद शरीर इस हार्मोन को बनाता है। यह आमतौर पर फर्टिलाइजेशन के 6 दिन बाद होता है। एचसीजी का स्तर तेजी से बढ़ता है, हर 2 से 3 दिनों में दोगुना हो जाता है।

प्रेग्नेंसी टेस्ट के प्रकार - Types of Pregnancy test

गर्भावस्था के जांच के दो मुख्य प्रकार हैं, पहला- ब्लड टेस्ट (blood test) और यूरिन टेस्ट (Urine test)

1. ब्लड टेस्ट (blood test) 

गर्भावस्‍था जांच के लिए आप ब्लड टेस्ट (blood test) घर पर नहीं कर सकते हैं। इसके लिए आपको डॉक्टर के पास जाना होगा।  ये परीक्षण ओवुलेशन के लगभग 6 से 8 दिन बाद हो सकता है। ये गर्भावस्था के घरेलू परीक्षण से पहले गर्भावस्था का पता लगा सकते हैं। होम प्रेगनेंसी टेस्ट किट की तुलना में इससे परिणाम प्राप्त करने में अधिक समय लग सकता है। 

ब्लड टेस्ट के दो प्रकार हैं:

गुणात्मक एचसीजी (Qualitative hCG test)

गुणात्मक एचसीजी परीक्षण केवल एचसीजी के लिए जांच करता है। यह सवाल का जवाब "हां" या "नहीं" देता है। गर्भाधान के 10 दिनों के बाद डॉक्टर अक्सर गर्भावस्था की पुष्टि करने के लिए इन परीक्षणों को करवाने का आदेश देते हैं।

मात्रात्मक एचसीजी (Quantitative hCG test) 

एक मात्रात्मक एचसीजी परीक्षण (बीटा एचसीजी) आपके ब्लड में एचसीजी की सटीक मात्रा को मापता है। यह एचसीजी के बहुत कम स्तर पर भी प्रेग्नेंसी का पता लगा सकता है। ये परीक्षण गर्भावस्था के दौरान समस्याओं को ट्रैक करने में मदद कर सकते हैं। आपका डॉक्टर प्रेग्नेंसी का पता लगाने के लिए अन्य परीक्षणों के साथ इसका उपयोग कर सकता है, जब निषेचित अंडे आपके गर्भाशय के बाहर होता है। 

2. यूरिन टेस्ट (Urine test)

यूरिन टेस्ट (Urine test) के जरिए आप घर पर भी प्रेग्नेंसी (home pregnancy test) का पता लगा सकती हैं। ये निजी और सुविधाजनक होने के साथ, घर पर त्वरित टेस्ट और उपयोग के लिए आसान है। अगर आप निर्देशों का पालन करते हैं तो ये बहुत सटीक रिजल्ट देता है।

प्रेग्नेंसी किट कैसे काम करती है- Pregnancy test kit

प्रेगनेंसी किट गर्भावस्था की जांच करने के लिए बनाई गयी एक ऐसी किट है जिससे आप घर बैठे ही गर्भावस्था का पता लगा सकती हैं। इसमें एक स्टिक होती है जिसमें पेशाब की कुछ बूंदें डालकर गर्भावस्था का पता लगाया जाता है। हालांकि आज कल बाजार में प्रेगनेंसी किट कई प्रकार के आ गए हैं, जिसका इस्तेमाल का तरीका भी अलग अलग है। जैसे कि

  • -कुछ किट में पेशाब को पहले कप में इकठ्ठा करके ड्राप से स्टिक पर बूंदें डालनी होती हैं और उसे टेस्ट करना होता है।
  • - कुछ किट में स्टिक को मूत्र की धार के बीच में रखना होता है। इसके बाद स्टिक के साइड में लगे इंडिकेटर के रंग से आपको पता चलता है कि आपका रिजल्ट पॉजिटिव है या नेगेटिव।
    • हालांकि,  घर में गर्भावस्था परीक्षण  99% सटीकता के साथ रिजल्ट तभी दे सकता है, जब आप ये जानें कि इसका सही उपयोग कैसे करते हैं। अगर आपका होम प्रेग्नेंसी टेस्ट पॉजिटिव आता है, तो आपको डॉक्टर के पास जा कर फिर से चेकअप करवाना चाहिए। इस परीक्षण को लेने के बाद, आप अपने डॉक्टर को देखकर अपने परिणामों की पुष्टि कर सकते हैं, जो गर्भावस्था के अधिक संवेदनशील परीक्षण भी कर सकते हैं।

      प्रेग्नेंसी टेस्‍ट करने अलावा कुछ ऐसे लक्षण भी हैं जिनके आधार पर प्रेग्‍नेंसी का अंदाजा लगाया जा सकता है और तब अगर आप प्रेग्नेंसी टेस्ट करें, तो रिजल्ट पॉजिटिव आ सकता है। जैसे कि

      1. पीरियड्स मिस कर जाएं।

      2. पेट में पीरियड की तरह ऐंठन हो पर पीरियड्स शुरू न हो।

      3. शरीर अस्वस्थ महसूस करने लगे और जी मिचलाने लगे।

      4. खाने में अरुचि हो और थकान होने लगे

      5. चक्कर आने लगे।

      ध्‍यान रहे कि प्रेग्नेंसी किट या प्रेग्नेंसी के लक्षण किसी मेडिकल टेस्‍ट के विकल्‍प नहीं हैं, इसलिए पूरी तरह आश्‍वस्‍त मेडिकल टेस्‍ट के बाद ही हुआ जा सकता है। इसलिए अगर आप इंप्लांटेशन के तुरंत बाद होम प्रेगनेंसी टेस्ट लेते हैं, तो आपका एचसीजी स्तर गर्भावस्था का पता लगाने के लिए पर्याप्त नहीं हो सकता है। अगर परीक्षण नेगेटिव आता है और आप गर्भवती नहीं हैं, तो कुछ दिनों में एक और गर्भावस्था परीक्षण करें। अगर आपको लगता है कि आपसे गड़बड़ी हो रही है, तो अपने डॉक्टर से बात करें और इस बारे में विस्तार से जानें। तो, अगर आपको प्रेग्नेंसी से जुड़ी कोई भी जानकारी चाहिए या आप प्रेग्नेंसी टेस्ट को लेकर किसी संशय में है तो जानकारी के लिए ऑनली माय हेल्थ पर 'गर्भावस्‍था जांच - PREGNANCY TEST IN HINDI' पढ़ें।

      Source:https://www.womenshealth.gov