गर्भावस्‍था

माता-पिता बनना हर किसी के जीवन का एक अनोखा फेज होता है और इसकी शुरुआत प्रेग्नेंसी से होती है।  प्रेग्नेंसी, तब होती है जब एक स्पर्म, एग से फर्टिलाइज होता है और महिला के शरीर में इंप्लांट होकर बच्चे का रूप लेने लगता है। गर्भावस्था के कई फेज हैं, जो 40 सप्ताह के तहत अलग-अलग फेज से गुजरती है। इस दौरान महिलाओं के शरीर में अलग-अलग तरह के बदलाव होते रहते हैं और बच्चा पैदा होने तक गर्भवती मां को अपना और अपने बच्चे का खास ख्याल रखना चाहिए।  तो, आइए जानते हैं गर्भावस्था के बारे में कुछ चीजें विस्तार से।

प्रेग्नेंसी के लक्षण- Symptoms of Pregnancy

प्रेग्नेंसी के लक्षण आमतौर पर हर महिला में एक जैसे ही होते हैं, पर कई महिलाओं में स्वास्थ्य से जुड़ी कुछ स्थितियों के कारण लक्षण हल्के और गंभीर हो सकते हैं। हालांकि, आमतौर पर महिलाओं में जो लक्षण नजर आते हैं, उनमें शामिल हैं-

  • पीरियड्स का मिस हो जाना (Missed period)
  • सिर दर्द (Headache)
  • कुछ महिलाओं को प्रारंभिक गर्भावस्था में हल्की ब्लीडिंग और स्पॉटिंग (light bleeding and spotting in early pregnancy) का अनुभव हो सकता है।
  • वजन बढ़ना (weight gain)
  • हाई ब्लड प्रेशर (high bp)
  • सीने में जलन (Heartburn)
  • कब्ज (Constipation)
  • ऐंठन (Cramps)
  • पीठ दर्द (back pain)
  • एनीमिया (Anemia)
  • डिप्रेशन (depression)
  • स्तनों में बदलाव (Breast changes)
  • एक्ने (Acne)
  • उल्टी (Vomiting)
  • कुल्हों में दर्द (Hip pain)

गर्भावस्था का 9 महीना- Stages of pregnancy

पहली तिमाही -First trimester (week 1 & week 12)

पहली तिमाही के दौरान आपका शरीर कई बदलावों से गुजरता है। हार्मोनल परिवर्तन आपके शरीर में लगभग हर अंग प्रणाली को प्रभावित करते हैं। ये परिवर्तन गर्भावस्था के पहले हफ्तों में भी लक्षणों को ट्रिगर कर सकते हैं। आपका पीरियड रुकना एक स्पष्ट संकेत है कि आप गर्भवती हैं। अन्य परिवर्तनों में शामिल हो सकते हैं:

  • अत्यधिक थकान
  • सूजे हुए स्तन
  • आपके निप्पल भी चिपक सकते हैं।
  • पेट में जलन
  • मतली
  • ज्यादा भूख लगना या भूख न लगना
  • मूड स्विंग्स
  • कब्ज
  • बार-बार पेशाब आना
  • सरदर्द
  • पेट में जलन
  • वजन बढ़ना या कम होना

ऐसे में जैसे-जैसे आपका शरीर बदलता है, आपको अपनी दिनचर्या में बदलाव करने की आवश्यकता हो सकती है, जैसे कि ज्यादा सोना, ज्यादा खाना या कम खाना। हालांकि, प्रेग्नेंसी के कुछ महीने बीतने के साथ ये लक्षण धीमे-धीमे कम होने लगेंगे या इनमें बदलाव आने लगेगा।

दूसरी तिमाही -Second trimester (week 13 & week 28)

ज्यादातर महिलाएं गर्भावस्था की दूसरी तिमाही को पहले की तुलना में आसान मानती हैं। लेकिन इन महीनों के दौरान अपनी गर्भावस्था के बारे में और शरीर में हो रहे बदलावों के बारे में जानना बेहद जरूरी है। जैसे कि

मतली और थकान जैसे लक्षण कम हो जाएंगे पर पेट से जुड़ी परेशानियां बढ़ने लगेंगी। इससे पहले कि यह ट्राइमेस्टर खत्म हो, आप महसूस करेंगे कि आपका बच्चा चलना शुरू कर देगा। जैसे-जैसे आपका शरीर आपके बढ़ते बच्चे के लिए जगह बनाता है, आपको कुछ अन्य लक्षण महसूस हो सकते हैं। जैसे कि

  • शरीर में दर्द, जैसे पीठ, पेट, कमर या जांघ में दर्द
  • आपके पेट, स्तन, जांघों या नितंबों पर स्ट्रेच मार्क्स
  • आपके निपल्स के आसपास की त्वचा का काला पड़ना
  • बेली बटन से प्यूबिक हेयरलाइन तक जानी वाली त्वचा पर एक लाइन
  • गहरे रंग की त्वचा के पैच, आमतौर पर गाल, माथे, नाक या ऊपरी होंठ पर। पैच अक्सर चेहरे के दोनों किनारों पर मेल खाते हैं। इसे कभी-कभी प्रेग्नेंसी मास्क कहा जाता है।
  • झुनझुनी होना
  • पेट, हथेलियों और पैरों के तलवों पर खुजली।

तीसरी तिमाही-Third trimester (week 29 & week 40)

तीसरी तिमाही में परेशानियां और बढ़ सकती है। कई महिलाओं को सांस लेने में मुश्किल होती है और उन्हें कई बार बाथरूम में भी जाना पड़ता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि बच्चा बड़ा हो रहा है और यह आपके अंगों पर अधिक दबाव डाल रहा है।  इस दौरान ज्यादातर महिलाएं कुछ विशेष लक्षण महसूस करती हैं। जैसे कि

  • सांस लेने में परेशानी
  • पेट में जलन
  • टखनों, उंगलियों और चेहरे पर सूजन अचानक या अत्यधिक सूजन
  • बवासीर
  • स्तनों में बदलाव, जो कोलोस्ट्रम के कारण होता है।
  • नींद न आना
  • बच्चा पेट में घुमने लगे
  • संकुचन

जैसे-जैसे आप अपनी डिलीवरी डेट के करीब आते हैं, आपका गर्भाशय ग्रीवा पतला और नरम हो जाता है। यह एक सामान्य, प्राकृतिक प्रक्रिया है जो वजाइना को बर्थिंग प्रक्रिया के दौरान खोलने में मदद करती है। आपका डॉक्टर आपकी डिलीवरी डेट के पास आपकी जांच करना शुरू कर देंगे।

भ्रूण में होने वाले बदलाव (baby development trimester wise)

1. पहली तिमाही -First trimester (week 1 & week 12)

  • आपके बच्चे के मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी का निर्माण शुरू हो गया है।
  • हृदय बनने की शुरुआत
  • बांह और पैर की सेल्स बनने की शुरुआत
  • 8 सप्ताह में सभी प्रमुख अंगों और बाहरी शरीर संरचनाओं का निर्माण शुरू हो गया है।
  • बच्चे का दिल धड़कना शुरू हो जाता है
  • हाथ और पैर लंबे होने लगते हैं और उंगलियां और पैर की अंगुलियां बनने लगी हैं।
  • यौन अंग बनने लगते हैं।
  • आंख और पलकें आ जाती हैं
  • गर्भनाल स्पष्ट रूप से दिखाई देती है
  • 12 सप्ताह में एक भ्रूण पूरी तरह से साफ नजर आने लगता है
  • नसें और मांसपेशियां एक साथ काम करने लगती हैं। आपका बच्चा मुट्ठी बना सकता है
  • बाहरी यौन अंगों से पता चलता है कि आपका बच्चा लड़का है या लड़की। 

2.दूसरी तिमाही -Second trimester (week 13 & week 28)

  • मांसपेशियों के ऊतकों और हड्डी का निर्माण जारी रहता है।
  • त्वचा बनने लगती है।
  • मेकोनियम यानी आपके बच्चे के आंत्र पथ में विकसित होता है। यह बच्चे को मल त्याग करने के लिए तैयार करता है।
  • आपका बच्चा मुंह से चूसने लगता है।
  • आपका बच्चा लगभग 4 से 5 इंच की लंबाई तक पहुंचता है और उसका वजन लगभग 3 औंस होता है।
  • 20 सप्ताह में आपका शिशु अधिक सक्रिय हो जाता है। आपको हल्का फड़कना महसूस हो सकता है।
  • बालों के आने की तैयारी हो रही होती है।
  • भौहें, पलकें, नाखूनों और अंगूठे के नाखून भी आ जाते हैं।
  • आपका बच्चा सुन सकता है और निगल सकता है।
  • अब गर्भावस्था के आधे समय के बाद, आपका बच्चा लगभग 6 इंच लंबा होता है और उसका वजन लगभग 9 औंस होता है।
  • 24 सप्ताह में बोन मेरो और ब्लड सेल्स बनने लगती हैं।
  • आपके बच्चे की जीभ टेस्ट बड्स आ जाते हैं।
  • पैरों के निशान और उंगलियों के निशान बनने लगते हैं।
  • आपके शिशु के सिर पर असली बाल उगने लगते हैं।
  • फेफड़े बनते हैं, लेकिन काम नहीं करते।
  • हाथ और स्टार्टल रिफ्लेक्स विकसित होते हैं।
  • आपका शिशु नियमित रूप से सोता और जागता है।
  • आपका बच्चा काफी वजन बढ़ा चुका होता है। अब लगभग 12 इंच लंबा और 1 पाउंड वजन वाला बच्चा होता है।

3. तीसरी तिमाही- Third trimester (week 29-week 40)

  • आपके बच्चे की हड्डियां पूरी तरह से बन जाती हैं पर फिर भी बहुत नरम हो जाती है। 
  • आपका बच्चा किक मारने लगता है।
  • आंखें खुल सकती हैं और बंद हो सकती हैं और प्रकाश में भाव बदल जाते हैं।
  • ब्रिदिंग मूवमेंट्स शुरू हो जाते हैं।
  • आपके बच्चे का शरीर आयरन और कैल्शियम जैसे महत्वपूर्ण खनिजों का भंडारण करना शुरू कर देता है।
  • 36 सप्ताह में भ्रूण पर वर्निक्स नामक सुरक्षात्मक मोमी कोटिंग मोटी हो जाती है।
  • शरीर की चर्बी बढ़ती है।
  • आपका बच्चा बड़ा और बड़ा हो रहा है और उसके पास घूमने के लिए कम जगह है इससे कारण आपको परेशानी हो सकती है।
  • 39 सप्ताह पर, आपके बच्चे के लिए कंप्लीट मंथ माना जाता है। आपके बच्चे के अंग अपने आप कार्य करने के लिए तैयार हो जाते हैं।

जैसे ही आप अपनी डिलीवरी डेट करीब आने लगती हैं, आपका शिशु जन्म के लिए अपना पोजिशन बदल लेता है और नीचे आने लगता है। जन्म के समय, आपका बच्चा 6 पाउंड 2 औंस और 9 पाउंड 2 औंस के बीच के वजन का हो सकता है और 19 से 21 इंच लंबा हो सकता है।

तो, ये था प्रेग्नेंसी का पूरा प्रोसेस। अगर आपको प्रेग्नेंसी से जुड़ी कोई भी जानकारी और एक्सपर्ट टिप्स चाहिए, तो आप हमारे इस पेज (गर्भावस्‍था - Pregnancy in hindi) में पढ़ सकते हैं।