गर्भावस्था में देखभाल

प्रेग्नेंसी में मां और बच्चे दोनों की देखभाल और स्वास्थ्य का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। ऐसा इसलिए क्योंकि प्रेग्नेंसी के दिनों में जैसा आपका स्वास्थ्य रहेगा, वो आगे चल कर भी आपको और आपके बच्चे को प्रभावित कर सकता है। गर्भावस्था में देखभाल को तीन हिस्सों में बांटा गया है। सबसे पहले आता है प्रसव पूर देखभाल (Prenatal Care), प्रेग्नेंसी के दौरान देखभाल (During Pregnancy) और पोस्टपार्टम केयर (Postpartum Care)। ये तीनों ही मां और बच्चे के स्वस्थ जीवन को सुनिश्चित करते हैं। 

प्रसवपूर्व स्वास्थ्य देखभाल -Prenatal Care Tips

अपने बच्चे के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए प्रसवपूर्व देखभाल (Prenatal Care)बेहद जरूरी है। अगर आपको लगता है कि आप गर्भवती हैं, तो आपको सबसे पहले डॉक्टर से बात करनी चाहिए और उनसे आगे के लिए स्वस्थ रहने का सही उपाय जानना चाहिए। इस दौरान सबसे पहले को डॉक्टर आपका गर्भावस्था परीक्षण करेगा, और यह पता लगाएगा कि आप शारीरिक परीक्षा और आपकी अंतिम पीरियड्स की तारीख (date of last periods) पर कितने सप्ताह की गर्भवती हैं। वह आपकी डिलीवरी की तारीख की भविष्यवाणी करने के लिए इस जानकारी का उपयोग करेगा। अगर आप स्वस्थ हैं और कोई जटिल जोखिम वाले कारक नहीं हैं, तो हर कुछ महीने पर डॉक्टर आपको चेकअप के लिए बुलाएंगे। जैसे कि 

  • -गर्भावस्था के 28 वें सप्ताह तक हर 4 सप्ताह बाद
  • -36 सप्ताह शुरू होने के बाज फिर हर 2 सप्ताह बाद डॉक्टर आपको बुलाएगा
  • -उसके बाद हर सप्ताह में एक बार डिलीवरी तक
    • प्रसव पूर्व देखभाल कैसे करें?

      प्रसव पूर्व देखभाल (Prenatal Care),गर्भावस्था के दौरान जोखिम को कम करने में मदद करती है और एक सुरक्षित और स्वस्थ प्रसव की संभावना को बढ़ाती है। जिन माताओं की प्रीनेटल केयर में कमी नजर आती हैं, उन्हें कम वजन वाले शिशु हो सकते हैं। इस अवधि के दौरान गर्भवती मां को इन बातों का ध्यान रखना चाहिए। जैसे कि 

      1.  फोलिक एसिड (Folic acid) की खुराक प्रतिदिन लेना (400 से 800 माइक्रोग्राम) लें। 

      2. आयरन (Iron foods)

      गर्भवती महिलाओं को हर दिन लगभग 30 मिलीग्राम आयरन की आवश्यकता होती है। क्योंकि हीमोग्लोबिन बनाने के लिए शरीर को आयरन की जरूरत होती है, जो रेड ब्लड सेल्स के ऑक्सीजन ले जाने वाला घटक है। रेड ब्लड सेल्स सभी कोशिकाओं को ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए पूरे शरीर में घूमती हैं। पर्याप्त आयरन के बिना, शरीर पर्याप्त रूप से रेड ब्लड सेल्स नहीं बना सकता है और शरीर के ऊतकों और अंगों को ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है, जिससे बच्चे के विकास में बाधा आ सकती है। इसलिए अपने खाने आयरन युक्त चीजों को शामिल करें। जैसे कि

      • -रेड मीट
      • -सैल्मन
      • -अंडे
      • -टोफू
      • -अनाज
      • -सूखे सेम और मटर
      • -सूखे फल
      • - हरी पत्तेदार सब्जियां
        • 3. एक्सरसाइज (Exercise)

          प्रीनेटल केयर में  एरोबिक एक्सरसाइज (aerobic exercise) 150 मिनट करें। अगर आप गर्भवती होने से पहले बहुत सक्रिय हैं या तीव्र एरोबिक गतिविधियां करती हैं, तो आप अपने वर्कआउट को बनाए रखने में सक्षम हो सकती हैं, पर आप अपने डॉक्टर से भी इसे बारे में जरूर बात करें। साथ ही ये आपको कई तरह से फायदेमंद भी है। जैसे कि 

          • -अतिरिक्त वजन बढ़ने से रोकता है
          • -गर्भावस्था से संबंधित समस्याओं को कम करता है, जैसे पीठ दर्द, सूजन और कब्ज
          • -नींद में सुधार लाता है
          • -ऊर्जा में वृद्धि
          • -मूड को बेहतर बनाता है
          • - शरीर को श्रम के लिए तैयार करता है।
            • 4. धूम्रपान और शराब पीने से बचें (quitting smoking and drinking alcohol)

              5. हेल्दी डाइट लें और शरीर में हाइड्रेशन का भी ध्यान रखे (take healthy diet)

              गर्भावस्था के दौरान -Pregnancy Care Tips

              एक बार जब आप गर्भवती हो जाती हैं, तो आपको अपनी गर्भावस्था के प्रत्येक चरण में नियमित स्वास्थ्य देखभाल नियुक्तियों को निर्धारित करना होगा। जिसमें कि 

              1. सबसे पहले अपने डॉक्टर से चेकअप करवाएं।

              •  -पहले छह महीनों में अपना खास ख्याल रखें।
              • -सातवें और आठवें महीने में हर दो हफ्ते में चेकअप करवाएं
              • -गर्भावस्था के अपने नौवें महीने के दौरान हर हफ्ते डॉक्टर के पास जाएं।
                • 2. जरूरी टेस्ट करवाएं

                  • -एनीमिया, एचआईवी और आपके ब्लड के प्रकार की जांच के लिए नियमित परीक्षण और स्क्रीनिंग करवाएं
                  • - ब्लड प्रेशर की जांच करवाते रहें
                  • -अपने वजन को चेक करते रहें
                  • -बच्चे के विकास और हृदय गति की चेक करवाते रहें
                  • -विशेष आहार और व्यायाम करें
                    • 3. हेल्दी डाइट लें

                      • -गर्भावस्था के 40 हफ्तों के दौरान हेल्दी डाइट लें।
                      • -डाइट में सब्जियों, फलों और हर विटामिन लेने का ध्यान रखें।
                      • -फैटी फूड्स लेने से बचें। 
                      • -घर में बनी हुई चीजों का ही सेवन करें।
                        • अगर आपकी गर्भावस्था को आपकी उम्र या स्वास्थ्य स्थितियों के कारण उच्च जोखिम माना जाता है, तो आपको अपना ज्यादा ध्यान रखना चाहिए। आपको अपने डॉक्टर से हर समय टच में रहना चाहिए जो कि उच्च जोखिम वाले गर्भधारण के साथ काम करता रहेगा

                          प्रसवोत्तर देखभाल-Postpartum Care Tips

                          अक्सर लोगों का ध्यान प्रेग्नेंसी के दौरान की देखभाल पर ही ज्यादा होता है। ऐसे में जरूरी है कि आप गर्भावस्था के नौ महीनों पर ध्यान केंद्रित करने के अलावा,  प्रसवोत्तर देखभाल भी खासा ध्यान रखें।  इस अवधि के दौरान, मां अपने नवजात शिशु की देखभाल के लिए कई शारीरिक और भावनात्मक परिवर्तनों से गुजरती है। प्रसवोत्तर देखभाल में उचित आराम, पोषण और वजाइनल हेल्थ केयर भी शामिल है। ऐसे में इन टिप्स को अपने लाइफस्टाइल में जरूर शामिल करें। जैसे कि 

                          • -जब आपका बच्चा सोता है तो सोएं।
                          • -रात में फीडिंग को आसान बनाने के लिए अपने बिस्तर को अपने बच्चे के पालने के पास रखें।
                          • -सोते समय किसी और को बोतल से बच्चे को दूध पिलाने को कहें।
                          • -प्रसवोत्तर अवधि में उचित पोषण प्राप्त करना महत्वपूर्ण है क्योंकि गर्भावस्था और श्रम के दौरान आपके शरीर में परिवर्तन होता है।
                          • -गर्भावस्था के दौरान आपके द्वारा प्राप्त किया गया वजन सुनिश्चित करता है कि आपके पास स्तनपान के लिए पर्याप्त पोषण है। हालांकि, प्रसव के बाद आपको स्वस्थ आहार का सेवन जारी रखना चाहिए।
                          • -हाई फैट वाले स्नैक्स को खाने से बचें।
                          • -प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और फलों और सब्जियों को संतुलित करने वाले कम वसा वाले भोजन को खाने पर ध्यान दें।
                          • -तरल पदार्थ का खूब सेवन करें।
                          • -वजाइनल हेल्थ का खास ख्याल रखें। 
                          • -पेशाब में दर्द या बार-बार पेशाब आने जैसी समस्याओं को आने पर डॉक्टर को दिखाएं।
                          • -प्रसव के छह सप्ताह बाद भी अपने डॉक्टर से चेकअप करवाते रहें।
                            • गर्भावस्था के दौरान और उसके बाद भी इस चीजों का भी रखें ध्यान 

                              1. स्वस्थ वजन (Healthy Weight)

                              2. पौष्टिक भोजन (Healthy Eating)

                              3. शारीरिक गतिविधि (Physical Activity)

                              4. बेबी और अपनी केयर (Mother and Baby care)

                              विशेषज्ञों के अनुसार, गर्भावस्था के दौरान बहुत अधिक वजन बढ़ना गर्भावस्था के दौरान गर्भावधि मधुमेह और उच्च रक्तचाप के विकास की संभावना को बढ़ाता है। ये बाद में भी टाइप 2 मधुमेह और उच्च रक्तचाप के जोखिम को भी बढ़ाता है। अगर आप गर्भवती होने पर अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त हैं, तो स्वास्थ्य समस्याओं के लिए आपकी संभावना अधिक हो सकती है। आपको सिजेरियन सेक्शन (सी-सेक्शन) होने की अधिक संभावना हो सकती है। इसलिए प्रेग्नेंसी से पहले या बाद में भी संतुलित वजन रखने की कोशिश करें। इसके अलावा प्रेग्नेंसी से पहले या बाद में भी पौष्टिक भोजन करना, शारीरिक गतिविधियों में एक्टिव रहना और  बेबी और अपनी केयर करना भी बेहद जरूरी है।  तो, अगर आपको गर्भावस्था में देखभाल से जुड़ी कोई भी सुझाव चाहिए या टिप्स चाहिए तो ऑनली माय हेल्थ के 'गर्भावस्था में देखभाल - PREGNANCY CARE IN HINDI' पढ़ें।

                              Source: https://www.niddk.nih.gov/

                              American College of Obstetricians and Gynecologists (ACOG)