रक्तचाप वह बल है जिस पर रक्त हृदय से धमनियों में जाता है। एक सामान्य रक्तचाप रीडिंग 120/80 mm Hg से कम आंका गया है। जब रक्तचाप अधिक होता है, तो रक्त का बहाव धमनियों में अधिक हो जाता है। इससे  धमनियों में नाजुक ऊतकों पर दबाव पड़ता है और रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचता है। उच्‍च रक्‍तचाप को हाई ब्‍लड प्रेशर या हाइपरटेंशन भी कहा जाता है।

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इन तरीकों से तुरंत काबू करें हाई ब्लड प्रेशर, दूसरे रोग भी रहेंगे दूर

रक्तचाप वह बल है जिस पर रक्त हृदय से धमनियों में जाता है। एक सामान्य रक्तचाप रीडिंग 120/80 mm Hg से कम आंका गया है। जब रक्तचाप अधिक होता है, तो रक्त का बहाव धमनियों 

Anurag Anubhav
Written by: Anurag AnubhavUpdated at: Mar 30, 2019 12:14 IST
इन तरीकों से तुरंत काबू करें हाई ब्लड प्रेशर, दूसरे रोग भी रहेंगे दूर

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हाई ब्लड प्रेशर की समस्या आजकल किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो जा रही है। इसका कारण अनियमित खान-पान और खराब जीवनशैली है। सामान्य से ज्यादा ब्लड प्रेशर का असर शरीर के सभी अंगों पर पड़ता है क्योंकि रक्त पूरे शरीर में प्रवाहित होता है। रक्तचाप वह बल है जिस पर रक्त हृदय से धमनियों में जाता है। एक सामान्य रक्तचाप रीडिंग 120/80 mm Hg से कम आंका गया है। जब रक्तचाप अधिक होता है, तो रक्त का बहाव धमनियों में अधिक हो जाता है। इससे  धमनियों में नाजुक ऊतकों पर दबाव पड़ता है और रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचता है। उच्‍च रक्‍तचाप को हाई ब्‍लड प्रेशर या हाइपरटेंशन भी कहा जाता है।

उच्च रक्तचाप एक खतरनाक स्थिति है जो आपके दिल को नुकसान पहुंचा सकती है। अगर अमेरिका की बात करें तो यहां तीन लोगों में से एक और दुनिया भर में 1 बिलियन लोगों को प्रभावित करता है। इसे एक "साइलेंट किलर" के रूप में जाना जाता है। अगर आपको उच्‍च रक्‍तचाप की समस्‍या है तो यहां कुछ उपाय हैं जिसके माध्‍यम से आप इसे कंट्रोल कर सकते हैं। 

 

वज़न करें नियंत्रित

अक्सर वजन बढ़ने से रक्तचाप बढ़ जाता है। यदि आप अपना वजन नियंत्रम में रखें तो रक्तचाप भी नियंत्रण में रहता है। वजन कम करने से रक्तचाप  के लिए ली जाने वाली दवाएं भी ज्यादा प्रभावी ढंग से काम करती हैं। यदि किसी पुरुष की कमर की चौड़ाई 40 इंच से ज्यादा है तो उसे उच्च रक्तचाप का जोखिम हो सकता है। वहीं यदि किसी स्त्री की कमर की नाप 35 इंच से ज्यादा हो तो उसे भी सचेत हो जाना चाहिए।

नियमित व्यायाम

दिन भर सुस्त और निष्क्रीय बैठे रहना स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं होता। इसलिए रोज कम से कम आधे से एक घंटा व्यायाम या चहलकदमी नियमित रूप से करनी चाहिए, इससे भी आपका रक्तचाप कम हो सकता है। ऐसा करने पर बहुत जल्द आपको अंतर दिखाई पड़ने लगेगा। अगर आप दैनिक जीवन में संक्रिय नहीं हें तो व्यायाम का स्तर बढा दें, इससे कुछ सप्ताह के भीतर ही आपका रक्तचाप कम हो सकता है।

लेकिन कोई भी व्यायाम शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह-मशवहरा जरूर कर लें। आपका डॉक्टर आपकी स्थिति से बेहतर तरीके से वाकिफ होता है, वह आपको बताएगा की कौन सा व्यायाम आपको करना चाहिए और कौन सा नहीं। यदि आप दस मिनट टहल भर लें तो भी रक्तचाप में आने वाला फर्क देखा जा सकता है।  

स्वस्थ आहार

खाने की आदतों को बदलना आसान नहीं होता लेकिन रक्तचाप को नियंत्रित रखने के लिए स्वस्थ आहार लेना बोहद जरूरी होता है। इसके लिए आप खाने की एक डायरी बनाएं और उसमें एक हफ्ते तक वो सबकुछ लिखिए जो आप खाते हैं, इस तरह आपको पता चस सकेगा कि वास्तव में आपकी खाने की आदतें क्या है। जांच करिए कि आप क्या खाते हैं, कितना खाते हैं, कब और क्यों खाते हैं। खाने में साबुत अनाज, फलों और सब्जियों की मात्रा बढ़ा दीजिए। वसा रहित दूध लें। भोजन में घी, तेल की मात्रा को कम कर दें।

भोजन में सोडियम की मात्रा करें कम

भोजन में सोडियम की मात्रा कम करने से आपको रक्तचाप में लाभ मिल सकेगा। दिन भर में 2.300 मिलीग्राम या उससे भी कम सोडियम लें। आप जो भोजन और पेय पदार्थ लेते हैं, कोशिश करें कि उसमें नमक कम हो। आलू के चिप्स, फ्रोजन डिनर और संसाधित मांस का खाना, इन सभी में हाई सोडियम होता है, इसलिए इन्हें कम से कम खाएं। खाने में अतिरिक्त नमक न लें। लेकिन ऐसा अचानक न करें, भोजन में सोडियम की मात्रा धीरे-धीरे ही कम करें। 

तम्बाकू उत्पाद और सिगरेट व शराब से बचें

तम्बाकू उत्पादों में निकोटीन होता है। धूम्रपान के बाद एक घंटे तक के लिए यह आपके रक्तचाप को बढ़ा सकता है। इसका मतलब है दिन भर का धूम्रपान आपके रक्तचाप को लगातार बढ़ाए रखता है। साथ ही अल्कोहल का सेवन कम से कम करें, बल्की न ही करें। ब्लड में अधिक अल्कोहल की मात्रा से हृदयगति भी रुक सकती है। 

कैफीन करें कम

रक्तचाप में कैफीन की भूमिका भी विवादास्पद है। ऐसा माना जाता है कि कैफीनयुक्त पेय लेने से रक्तचाप बढ़ता है लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि यह प्रभाव अस्थायी है या लंबे समय तक रहता है।

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तनाव करें दूर  

तनाव अस्थायी रूप से रक्तचाप को बढ़ा सकता है। इसे कम करने के लिए पहले के तनावग्रस्त होने के कारणों पर थोड़ा विचार करें। जैसे काम, परिवार, आर्थिक तंगी या बीमारी। एक बार जब आप समस्या जान जाएं तो उसे मिटाने के लिए हर संभव विकल्प पर काम करें। इस बात में कोई शक नहीं कि आप तनाव को अपने जीवन से पूरी तरह खत्म नहीं कर सकते, लेकिन आप कम से कम कुछ कारगर तरीकों से उन स्थितियों का सामना तो कर सकते हैं।

इसके लिए आप योग की मदद ले सकते हैं। नियमित योग और ध्यान स्ट्रेस बस्टर का काम करता है। शरीर की मालिश करें अगर स्वयं की सहायता काम नहीं आती, परामर्श के लिए किसी पेशेवर की सहायता लीजिए।

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घर पर अपने रक्तचाप की निगरानी और नियमित रूप से चिकित्सक के सम्पर्क में रहना भी आपके लिए कारगर साबित होता है। यदि आपको उच्च रक्तचाप है, तो अपने रक्तचाप की निगरानी घर पर कर सकते हैं। अपने चिकित्सक से नियमित जांच कराएं, इससे आपके रक्तचाप पर नजर रखने में मदद मिलेगी। अगर आप इन सब चीजों को ध्यान में रखे तो उच्च रक्तचाप पर नियंत्रण कर सकते हैं।

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