हाइपरथायरायडिज्‍़म

हाइपरथायरायडिज्म (Hyperthyroidism) एक ऐसी स्थिति है, जब हमारा थायराइड बहुत अधिक थायराइड हार्मोन बनाने लगता है। थायरायड आपकी गर्दन के सामने एक ग्रंथि यानी कि ग्लैंड है। यह आपके चयापचय को नियंत्रित करता है, जिससे आपका शरीर भोजन को ऊर्जा में बदलता है। यह आपके दिल, मांसपेशियों, हड्डियों और कोलेस्ट्रॉल को भी प्रभावित करता है। थायरायड होर्मोन का बहुत अधिक रिलीज होना शरीर की विभिन्न गतिविधियों को प्रभावित करता है।  ये जहां आपको मोटापा और हार्मोनल गड़बड़ियों की ओर ले जाता है, वहीं ये आपको कई बीमारियों के लिए सॉफ्ट टॉरगेट के रूप में भी तैयार करता है।  ऐसे में जरूरी है कि आप थायरायड और  हाइपरथायरायडिज्म के बारे में जानें और इससे बचने का उपाय करें। तो, आइए एक नजर डालते हैं इस बीमारी के लक्षण, कारण और उपायों पर। 

हाइपरथायरायडिज्म का क्या कारण है - Causes of Hyperthyroidism 

हाइपरथायरायडिज्म के कई कारण हैं, जिसमें ग्रेव्स रोग, थायरॉयड नोड्यूल और थायरायडिटिस और थायरायड की सूजन आदि शामिल हैं। इसके अलावा ऐसे कई कारण हैं, जो कि हाइपरथायरायडिज्म को प्रभावित करता है। 

1. ग्रेव्स डिजीज (Graves’ disease)

ग्रेव्स रोग हाइपरथायरायडिज्म का सबसे आम कारण है। ग्रेव्स रोग एक ऑटो-इम्यून डिजीज है जो कि आपके इम्यून सिस्टम पर हमला करती है। इसके कारण बहुत अधिक थायराइड हार्मोन बनती है और ये मोटापा और विभिन्न परेशानियों को ट्रिगर करता है। 

2. ओवरएक्टिव थायराइड नोड्यूल (Overactive thyroid nodules)

थायराइड नोड्यूल आपके थायरॉयड का गांठ है। थायराइड नोड्यूल आम हैं और आमतौर पर सॉफ्ट होते हैं। हालांकि, एक या अधिक नोड्यूल अतिसक्रिय हो सकते हैं और बहुत अधिक थायराइड हार्मोन का उत्पादन कर सकते हैं। कई अति सक्रिय नोड्यूल्स की उपस्थिति सबसे अधिक बार वयस्कों में होती है।

3. थायराइडिटिस (Thyroiditis)

थायराइडिटिस आपके थायरॉयड की सूजन है जो आपके थायरॉयड ग्रंथि से रिसाव के लिए संग्रहीत थायराइड हार्मोन का कारण बनता है। हाइपरथायरायडिज्म 3 महीने तक रह सकता है, जिसके बाद आपका थायराइड अंडरएक्टिव हो जाता है। पर कई मामलों में ये इससे भी लंबे समय तक रहता है और हमेशा के लिए भी हो सकता है। कई प्रकार के थायरॉयडिटिस हाइपरथायरायडिज्म का कारण बन सकते हैं जैसे कि

सब एक्यूट थायरायडिटिस (Subacute thyroiditis)

थायराइड की इस स्थिति में थायराइड में दर्दनाक सूजन रहता है। यह वायरस या बैक्टीरिया के कारण संक्रमण से संबंधित हो सकता है।

पोस्टपार्टम थायरायडिटिस (Postpartum thyroiditis)

प्रेग्नेंसी के बाद कई महिलाओं को पोस्टपार्टम थायरायडिटिस (Postpartum thyroiditis) की परेशानी हो सकती है। इसमें डिलीवरी के बाद महिलाओं का थायरायड हार्मोन एक्टिव हो जाता है। 

साइलेंट थायराइडाइटिस (Silent thyroiditis)

इस प्रकार के थायरायडिटिस दर्द रहित होता है और ये साइलेंट होता है। विशेषज्ञों का मानना है कि ये ऑटोइम्यून स्थिति है।

4. बहुत अधिक थायराइड हार्मोन की दवा लेना 

कुछ लोग जो हाइपोथायरायडिज्म के लिए थायराइड हार्मोन दवा लेते हैं, तो उनका आपको नुकसान हो सकता है। अगर आप थायराइड हार्मोन की दवा लेते हैं, तो आपको वर्ष में कम से कम एक बार अपने थायराइड हार्मोन के स्तर की जांच करवानी चाहिए। अगर आपके थायराइड हार्मोन का स्तर बहुत अधिक है, तो अपने डॉक्टर को दिखाएं। कुछ अन्य दवाएं भी हार्मोन के स्तर को बढ़ाते हैं।

5. आयोडीन का ज्यादा होना (Too much iodine)

शरीर में आयोडीन का ज्यादा होना हाइपरथायरायडिज्म को बढ़ाता है। थायराइड हार्मोन बनाने के लिए आपका थायरॉयड आयोडीन का उपयोग करता है। आपके द्वारा उपभोग की जाने वाली आयोडीन की मात्रा आपके थायराइड को बनाने वाले थायराइड हार्मोन की मात्रा को प्रभावित करती है। पर कुछ लोगों में, बड़ी मात्रा में आयोडीन का सेवन करने से थायराइड बहुत अधिक थायराइड हार्मोन बना सकता है। कुछ दवाओं और कफ सिरप में बहुत अधिक आयोडीन हो सकता है। 

हाइपरथायरायडिज्म के लक्षण -Symptoms of Hyperthyroidism

हाइपरथायरायडिज्म के लक्षण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न हो सकते हैं। हालांकि, आमतौर पर कुछ लक्षण हैं जो इनमें शामिल हैं। 

  • -घबराहट 
  • -चिड़चिड़ापन
  • -थकान या मांसपेशियों की कमजोरी
  • -गर्मी सहन करने में परेशानी
  • -नींद न आना
  • -हाथ में कपकपाहट
  • -तेज और अनियमित दिल की धड़कन
  • -दस्त
  • -वजन घटाना
  • -मूड स्विंग्स

60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में, हाइपरथायरायडिज्म के कारण कभी-कभी अवसाद हो सकता है।  हाइपरथायरायडिज्म वाले युवा वयस्कों की तुलना में बड़े वयस्कों में अलग-अलग लक्षण हो सकते हैं, जैसे कि लोगों को भूख कम लगना या चक्कर आना। 

हाइपरथायरायडिज्म का खतरा किन्हें हैं- Risk of Hyperthyroidism

कुछ लोगों को हाइपरथायरायडिज्म का खतरा ज्यादा होता है। जैसे कि 

  • -एक महिला को
  • -प्रेग्नेंसी के बाद
  • -60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में
  • -थायरॉयड सर्जरी या थायराइड की समस्या पहले से होने पर
  • -थायराइड रोग का पारिवारिक इतिहास
  • -दिल की धड़कनों का तेज होना,  जिसमें शरीर पर्याप्त रेड ब्लड सेल्स नहीं बना पाता है।
  • -विटामिन बी 12 की कमी।
  • -टाइप 1 डायबिटीज 
  • -होर्मोनल डिसबैलेंस
  • -आयोडीन की कमी से 
  • -आयोडीन ज्यादा होने से। 

हाइपरथायरायडिज्म के कारण होने वाली आम समस्याएं

  • अगर हाइपरथायरायडिज्म का इलाज नहीं किया जाता है, तो यह कुछ गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है, जिसमें शामिल हैं
  • -एक अनियमित दिल की धड़कन जो रक्त के थक्के, स्ट्रोक, दिल की विफलता और अन्य हृदय की समस्याओं को जन्म दे सकती है।
  • -नेत्र रोग जिसे ग्रेव्स ओफ्थाल्मोपैथी कहा जाता है। यह दोहरी दृष्टि, प्रकाश संवेदनशीलता और आंखों के दर्द का कारण बन सकता है। इससे कारण आंखों की रोशनी भी जा सकती है। 
  • -हड्डियों का पतला होना और ऑस्टियोपोरोसिस
  • -महिलाओं में प्रजनन संबंधी समस्याएं
  • -गर्भावस्था में जटिलताएं, जैसे समय से पहले जन्म, कम वजन, गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप और गर्भपात

गर्दन की थायराइड जांच कैसे करें?

  • -सीसे में देखते हुए अपनी गर्दन के निचले क्षेत्र, कॉलरबोन के ऊपर और वॉइज बॉक्स के नीचे ध्यान केंद्रित करें। 
  • -सीसे में इस क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करते हुए, अपने सिर को पीछे झुकाएं।
  • - अपने सिर को पीछे झुकाने और निगलने के दौरान पानी का सेवन करें।
  • -जब आप निगलने की कोशिश कर रहे हों, तो अपनी गर्दन पर एक नजर डालें। जब आप निगलते हैं तो इस क्षेत्र में उभार या फैलाव की जांच करें। 
  • -अगर आप किसी भी उभार या फैलाव को देखते हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर को दिखाएं।
  • -आपके पास एक बढ़ी हुई थायरायड ग्रंथि या एक थायरायड नोड्यूल हो सकता है जिसे जांचना चाहिए।

यह निर्धारित करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आपके थायरायड की जो स्थिति है,  उसे जल्द से जल्द अपने डॉक्टर को दिखाएं। आपका डॉक्टर टीएसएच (थायरॉयड-उत्तेजक हार्मोन) परीक्षण कर सकता है, अपने थायरॉयड की जांच करवाएं और अपना ख्याल रखें। 

हाइपरथायरायडिज्म का इलाज- Hyperthyroidism Treatment 

हाइपरथायरायडिज्म का इलाज डॉक्टर आपके लक्षणों के बारे में पूछेगा और एक फिजिकल टेस्ट करेगा। तब वह ब्लड टेस्ट भी कर कर सकता है और थायराइड हार्मोन के सीक्रेशन की भी जांच कर सकता है। एंटीबॉडी स्क्रीनिंग और रेडियोएक्टिवली आयोडीन स्कैन करके भी इस बीमारी का पता लगाया जा सकता है औप इसका इलाज किया जा सकता है। इसके बाद ट्रीटमेंट के रूप में ये चीजें शामिल हो सकती हैं। जैसे कि

  • -दवाइयां
  • -रेडियोआयोडीन थेरेपी
  • -सर्जरी

हाइपरथायरायडिज्म में खाने की चीजें- Foods to eat in Hyperthyroidism

कम आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें, जैसे कि 

  • -कम नमक खाएं
  • -सफेद अंडे
  • -ताजा सब्जियां खाएं
  • -चाय और ब्लैक कॉफी पिएं
  • -अनसाल्टेड नट्स और नट बटर
  • -सोडा और नींबू पानी
  • -चिकन, टर्की
  • -सरसों का साग
  • -शलजम की जड़ें और साग
  • -गोभी
  • -ब्रोकली

हाइपरथायरायडिज्म में ना खाएं ये चीजें- Foods to avoid in Hyperthyroidism

हाइपरथायरायडिज्म वाले लोगों को कुछ चीजों को खाने से बचना चाहिए। खास कर उन चीजों को जो कि शरीर में आयोडीन की मात्रा बढ़ाते हैं।  जैसे कि

  • -आयोडीनयुक्त नमक
  • -मछली और सी फूड्स
  • -अंडे की जर्दी
  • -शीरा
  • -सोया
  • -ग्लूटेन
  • -कॉफी

इस तरह आप हाइपरथायरायडिज्‍म के विषय में जानकारी व लेख पढ़ें और उसके लक्षण, कारण, चिकित्सा, बचाव के बारे में www.onlymyhealth.com पर संपूर्ण जानकारी पाएं। 

Source: American Thyroid Association