संक्रामक बीमारियां

संक्रामक बीमारियां या कम्युनिकेबल डिजीज (Communicable diseases in hindi) वायरस या बैक्टीरिया के कारण होने वाली बीमारियां हैं जो लोगों में दूषित सतहों, शारीरिक तरल पदार्थ, रक्त उत्पादों, कीटों के काटने, या हवा के माध्यम से एक दूसरे से संपर्क में आने से फैलती है।  संक्रामक बीमारियों में कई ऐसी बीमारियां भी हैं, जिनमें कई स्थानीय रूप से फैलते हैं और जिन्हें स्वास्थ्य विभागों या सरकारी एजेंसियों को रिपोर्ट करने की आवश्यकता होती है।  संक्रामक बीमारियां के कुछ उदाहरणों में एचआईवी (HIV), हेपेटाइटिस ए, बी और सी (hepatitis A, B and C), खसरा (measles), साल्मोनेला (salmonella), खसरा और रक्त जनित बीमारियां (measles and blood-borne illnesses)शामिल हैं। प्रसार के अधिकांश सामान्य रूपों में फेकल-ओरल (fecal-oral), भोजन (food), संभोग (sexual intercourse), कीड़े के काटने (insect bites), दूषित फोमाइट्स (contact with contaminated fomites), बूंदों (air droplets),या त्वचा से संपर्क ( skin contact) शामिल हैं। हमारी इस कैटेरी में आप संक्रामक बीमारियों के कई प्रकारों , उनके कारणों और बचाव के उपायों के बारे में विस्तार से बढ़ेंगे। 

कम्युनिकेबल डिजीज के कारण-  Causes of Communicable Diseases

कम्युनिकेबल डिजीज कोई भी बीमारी हो सकती है जो लोगों या जानवरों के बीच से गुजरती है और तेजी से फैलती चली जाती है। लोग इसलिए संचारी रोगों को संक्रामक बीमारियों के रूप में संदर्भित करते हैं। दुनियाभर में अब तक जितने भी कम्युनिकेबल डिजीज फैले हैं, उनके कारणों में कहीं न कहीं बैक्टीरिया, वायरस, फंगस और प्रोटिस्ट सहित कई प्रकारों के रोगजनक (pathogen) शामिल रहे हैं। ये पैथोजन विभिन्न तरीकों से फैलते हैं, जैसे कि 

  • - रोगजनक (pathogen)से प्रभावित व्यक्तियों के संपर्क में आने से
  • -दूषित तरल पदार्थ, जैसे रक्त, बलगम या लार के साथ संपर्क में आने से
  • -किसी अन्य व्यक्ति की खांसी या छींक से निकलने वाले एयर ड्रोपलेट्स के कारण
  • -एक जानवर या कीट के काटने से जिनमें कि संक्रामक पैथोजन हो। 
  • -दूषित पानी या खाद्य पदार्थों का सेवन से
    • एक बार जब एक रोगजनक किसी व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर जाता है, तो वह प्रतिकृति बनाना शुरू कर देगा। व्यक्ति तब लक्षणों का अनुभव करना शुरू कर सकता है। 

      कम्युनिकेबल डिजीज के लक्षण- Symptoms of Communicable Diseases

      • -बुखार, खांसी, छींक, बहती नाक, गले में खराश, मांसपेशियों में दर्द और थकान के साथ इन्फ्लुएंजा
      • -पेट दर्द, उल्टी, दस्त, भूख की कमी, थकान और बुखार के साथ गैस्ट्रोएंटेराइटिस
      • -बुखार, थकान, शरीर और अंगों में दर्द
      • -बुखार, थकान, गले में खराश, मुंह में दर्दनाक घाव, हथेलियों और तलवों पर पुटिकाओं के साथ चकत्ते के साथ हाथ, पैर और मुंह के रोग
      • -खुजली वाली आंखें और अत्यधिक आंसू
      • -छोटे बच्चों में बुखार
      • -बिना किसी कारण के रोना और झगड़ना
      • -बेचैनी
      • -भूख में कमी
      • -शक्ति की कमी,
      • -सांसों से जुड़ी समस्याएं
      • -बार-बार आंख रगड़ना
        • संक्रामक बीमारियों के प्रकार- Types of Communicable Diseases

          1. वायरस के कारण फैलने वाले संक्रामक बीमारियां (Viral Infection in hindi)

          वायरस छोटे रोगजनक होते हैं जिनमें आनुवंशिक पदार्थ होते हैं। अन्य रोगजनकों के विपरीत, उनके पास एक कोशिका की जटिल संरचना का अभाव है। जीवित प्राणियों की कोशिकाओं में प्रवेश करके बीमारी फैलाते हैं। इसके फैलने वाली बीमारियों में शामिल हैं

          a. इंफ्लुएंजा (Influenza)

          इन्फ्लुएंजा एक ऐसा वायरस हैं जो श्वसन प्रणाली पर हमला करते हैं। इसके कुछ संभावित लक्षणों में शामिल हैं:

          • -बुखार या ठंड लगना
          • -बहती नाक
          • -गले में खराश
          • खांसी
          • -सिर दर्द
          • -मांसपेशियों या शरीर में दर्द
          • -थकान
            • एक व्यक्ति इन्फ्लूएंजा वायरस को उसी तरह से पकड़ सकता है जिस तरह से बाकी संक्रामक बीमारियां पकड़ती हैं। 

              b. एचआईवी (HIV)

              एचआईवी आपके प्रतिरक्षा प्रणाली पर हमला करता है। यह व्यक्ति को अन्य संक्रमणों और बीमारियों के प्रति संवेदनशील बनाता है। एचआईवी के लक्षण धीरे-धीरे और चरणों में विकसित हो सकते हैं। जैसे कि

              • -बुखार
              • -ठंड लगना
              • -मुंह के छाले
              • -गले में खराश
              • -सूजी हुई लसीका ग्रंथियां
              • -रात में पसीना आना
              • -मांसपेशियों में दर्द
              • -थकान
                • हालांकि एचआईवी के लिए कोई इलाज नहीं है, दवाएं वायरस को नियंत्रण में रखने में मदद कर सकती हैं। इस तरह के उपचार के बिना, एचआईवी एड्स में विकसित हो सकता है।

                  c. राइनोवायरस (Rhinoviruses)

                  राइनोवायरस वायरस का एक समूह है जो सामान्य सर्दी के लिए जिम्मेदार होता है। ठंड के लक्षणों में शामिल हो सकते हैं:

                  • -बहती नाक
                  • -गले में खराश
                  • -सरदर्द
                    • 2. बैक्टीरिया के कारण फैलने वाली संक्रामक बीमारियां  (bacterial infection in hindi)

                      कई बैक्टीरिया हानिरहित होते हैं और कुछ शरीर को कार्य करने में मदद करते हैं। हालांकि, बैक्टीरिया संक्रमण  का कारण भी बन सकते हैं जो शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं। आमतौर पर ये साल्मोनेला और एस्चेरिचिया कोलाई (ई. कोलाई) बैक्टीरिया के प्रकारों के कारण फैलता है। वे आम तौर पर दूषित खाद्य पदार्थों, जैसे बिना पके मीट, और बिना पके फलों और सब्जियों से फैलते हैं। इन संक्रमणों के कुछ लक्षणों में शामिल हैं:

                      • -पेट में ऐंठन
                      • -दस्त
                      • -बुखार
                      • -सरदर्द
                      • -टीबी (TB)
                      • -लंबे समय तक खांसी
                      • -भूख में कमी
                      • -अनजाने में वजन कम होना
                      • -बुखार
                      • -ठंड लगना
                        • 3. फंगस के कारण फैलने वाली संक्रामक बीमारियां (Fungal Infection in Hindi)

                          फंगस एक प्रकार का जीव है जिसमें खमीर, मोल्ड और मशरूम शामिल हैं। लाखों विभिन्न प्रकार के फंगस होते हैं, लेकिन केवल 300 फंगस ही हानिकारक बीमारियों का कारण बनता है। फंगल संक्रमण (Fungal Infection)शरीर में कहीं भी हो सकता है, लेकिन वे आमतौर पर त्वचा और बलगम झिल्ली को प्रभावित करते हैं। कुछ अलग प्रकार के फंगल संक्रमण में शामिल हैं:

                          a. दाद

                          दाद त्वचा का एक सामान्य फंगल इंफेक्शन है। दाद में स्किन पर सूखा, पपड़ीदार या खुजली वाली त्वचा हो जाती है। दाद के शिकार व्यक्तियों से ये दूसरे व्यक्तियों में भी फैल सकता है। आमतौर पर ये संक्रमित व्यक्ति के तौलिए, बिस्तर, या अन्य व्यक्तिगत वस्तुओं को साझा करने से पकड़ सकते हैं जिन्हें दाद है।  उपचार के बिना, दाद शरीर के अन्य भागों में फैल सकता है।

                          b. एथलीट फुट

                          एथलीट फुट एक सामान्य फंगल इंफेक्शन है जो पैरों की त्वचा को प्रभावित करता है। यह आमतौर पर पैर की उंगलियों के बीच खुजली पैदा करता है। ऐसे किसी भी व्यक्ति से फैल सकता है जिसे एथलीट फुट हो। उदाहरण के लिए, लॉकर रूम, शॉवर, या स्विमिंग पूल में नंगे पैर चलने के बाद एक व्यक्ति एथलीट फुट हो सकता है।

                          अन्य संक्रामक बीमारियां- Other Communicable Diseases

                          • -डेंगू (Dengue)
                          • -लिंम्फेटिक फाइलेरिया (Lymphatic filariasis)
                          • ओंकोकोर्सियासिस (Onchocerciasis)
                          • -हैजा (Cholera)
                          • -फ्लू (Flu)
                          • -चेचक (Smallpox)
                          • -हंटावायरस (Hantavirus)
                          • -हेपेटाइटिस ए (Hepatitis A)
                          • -हेपेटाइटिस बी (Hepatitis B)
                          • -एचआईवी / एड्स (HIV/AIDS)
                          • -खसरा (Measles)
                          • -काली खांसी (Pertussis)
                          • -रेबीज (Rabies)
                          • -यौन रोग (Sexually Transmitted Disease)
                          • -टीबी (Tuberculosis)
                          • -जीका वायरस (Zika Virus)
                          • -कार्बापेनम-प्रतिरोधी एंटरोबैक्टीरिया (CRE)
                          • -इबोला (Ebola)
                          • -एंटरोवायरस D68 (Enterovirus D68)
                          • -कोरोनावायरस (Coronavirus)
                            • संक्रामक बीमारियों से बचाव के उपाय-Prevention Tips

                              • -अपने हाथों को अच्छी तरह से और नियमित रूप से धोएं और तभी कुछ खाए-पिएं।
                              • -अक्सर घर पर कीटाणुनाशक का उपयोग करके सतहों, विशेष रूप से दरवाजों और फूड कांउटर्स की सफाई करें।
                              • -भोजन बनाते और स्टोर करते समय हाइजीन का ध्यान रखें।
                              • -खराब खाना खाने से बचें।
                              • -गंदा या संक्रित पानी पीने से बचें।
                              • -जंगली जानवरों को छूने से बचें।
                              • -खुले आम खांसी न करें या छींकें।
                              • - टीकाकरण करवाएं
                              • -मलेरिया का खतरा होने पर एंटीमलेरियल दवाएं लें। 
                              • -सर्दी-जुकाम वाले व्यक्तियों से दूरी बनाएं।
                                • तो, इस तरह ऑनली माय हेल्थ की इस कैटेगरी  'संक्रामक बीमारियां- Communicable Diseases in Hindi-संक्रामक बीमारियां' -संक्रामक बीमारियां विषय में जानकारी व लेख पढ़ें और उसके लक्षण, कारण, चिकित्सा, बचाव के बारे में संपूर्ण जानकारी पाएं। 

                                  Source: WHO

                                  CDC

                                  https://www.ncbi.nlm.nih.gov