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भारत में हर 1000 में 30 बच्चों की हो जाती है 5 साल की उम्र से पहले मृत्यु, जानें कारण और राज्यों की स्थिति

साल 2020 में पूरी दुनिया में 24 लाख बच्चों की जन्म के 1 महीने के अंदर और 50 लाख बच्चों की जन्म के 5 साल के अंदर मृत्यु हुई थी।

Anurag Anubhav
Written by: Anurag AnubhavUpdated at: Sep 18, 2023 19:16 IST
भारत में हर 1000 में 30 बच्चों की हो जाती है 5 साल की उम्र से पहले मृत्यु, जानें कारण और राज्यों की स्थिति

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घर में बच्चे की किलकारी गूंजना कुछ लोगों के लिए जीवन की सबसे बड़ी खुशियों में से एक है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अत्याधुनिक विज्ञान के विकास के बाद भी दुनिया में ऐसे बच्चों की संख्या अभी बहुत ज्यादा है, जिनकी जन्म के बाद जल्द ही किसी कारण से मृत्यु हो जाती है। शिशु मृत्यु दर पूरी दुनिया के लिए एक बड़ी चुनौती है, जो पिछले कुछ दशकों में कम तो जरूर हुई है, मगर अभी भी ये संख्या बहुत बड़ी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) के अनुसार साल 2020 में दुनियाभर में जन्म से एक महीने के भीतर मरने वाले बच्चों की संख्या 24 लाख थी। वहीं इसी वर्ष 5 साल से कम उम्र में मरने वाले बच्चों की संख्या 50 लाख के आसपास थी। इस आंकड़े के अनुसार दुनियाभर में पैदा होने वाले हर 1000 में से 37 बच्चे 5 साल की उम्र आते-आते किसी न किसी कारण से मर जाते हैं।

भारत की बात करें, तो यहां 5 साल से कम उम्र में मरने वाले बच्चों की संख्या हर 1000 में 30 के आसपास है, जो ग्लोबल आंकड़े के मुकाबले कम ही है। मगर फिर भी इस मामले में भारत की स्थिति कई छोटे देशों से ज्यादा खराब है। आज इस लेख में हम देखेंगे कि कम उम्र में बच्चों की मौत के क्या कारण होते हैं और भारत के अलग-अलग राज्यों में तथा दुनिया में भारत की शिशु मृत्यु दर के मामले में क्या स्थिति है। इस विषय पर ज्यादा जानकारी के लिए हमने बात की है पूनम हॉस्पिटल, लखनऊ की गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. पूनम अरोरा से।

5 साल से कम उम्र के बच्चों की मौत के आम कारण

Child Mortality Causes

डॉ. पूनम के अनुसार किसी बच्चे के जन्म के बाद का 1 महीना उसके जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस पीरियड में बच्चे का शरीर और शरीर के अंदर के सभी अंग बाहरी दुनिया के साथ एडजस्ट होना शुरू होते हैं। इस दौरान किसी भी तरह का इंफेक्शन, जन्मजात समस्या, गंभीर चोट आदि बच्चे के लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार नवजात बच्चों में होने वाली मौत के मामलों लगभग 75% बच्चों की मृत्यु जन्म के एक सप्ताह के भीतर हो जाती है। इस मौत के कई कारण हो सकते हैं जैसे- प्रीमेच्योर डिलीवरी, जन्मजात समस्याएं, सांस न ले पाने की समस्या (Birth Asphyxia), इंफेक्शन्स, जन्मजात विकार (Birth Defects) आदि। जबकि एक महीने से बड़े और 5 साल से छोटे बच्चों में मौत के मुख्य कारण निमोनिया, डायरिया, मलेरिया, कुपोषण, गंभीर बीमारियां, एचआईवी एड्स आदि हो सकते हैं।

कुछ सामाजिक कारण भी बनते हैं कम उम्र में बच्चों की मौत का कारण

child mortality social causes

डॉ. पूनम के अनुसार कई बार कम उम्र में बच्चों की मौत के लिए कुछ सामाजिक कारण भी जिम्मेदार होते हैं। बहुत सारे बच्चे ऐसे भी होते हैं, जिनके मां-बाप गरीबी के कारण किसी गंभीर बीमारी या इंफेक्शन का इलाज करा पाने में सक्षम नहीं होते। कई बार छोटे शहरों या गांवों में बच्चे के बीमार पड़ने पर मां-बाप झोला छाप डॉक्टर के पास चले जाते हैं, जिससे गलत इलाज के कारण बच्चे की बीमारी बिगड़ जाती है या इलाज का समय निकल जाता है। इसके अलावा कई बार छोटे शहरों और गांवों के अस्पतालों में शहरों की तरह इलाज के लिए जरूरी संसाधन नहीं होते, जिसके कारण भी 5 साल से पहले बहुत सारे बच्चों की मृत्यु हो जाती है। कई मामले ऐसे भी आते हैं, जिनमें महिलाओं की कम साक्षरता दर इसकी जिम्मेदार होती है। निरक्षरता के कारण कई महिलाएं बच्चों का इलाज कराने के बजाय उन्हें बाबा, ओझा, तांत्रिक आदि के पास लेकर जाती हैं, जो कई बार उनकी मृत्यु का कारण बनता है। इसके अलावा साफ भोजन-पानी की उपलब्धता न होना, कुपोषण आदि भी कम उम्र में बच्चों की मौत का कारण बन सकते हैं।

भारत में शिशु मृत्यु दर के मामले में किस राज्य की क्या है स्थिति?

Ministry of Health and Family Welfare पर मौजूद ताजा आंकड़े साल 2019 के हैं, जिसे फरवरी 2022 में रिलीज किया गया। इन आंकड़ों के अनुसार भारत में शिशुओं की मृत्युदर साल 2015 में प्रति 1000 बच्चों में 37 थी, जो 2019 में घटकर 30 हो गई थी। राज्यवार स्थिति देखें तो मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा नवजात शिशुओं की मौत होती है। यहां प्रति 1000 में 46 बच्चों की मृत्यु जन्म के 5 साल के अंदर हो जाती है। उत्तर प्रदेश में ये आंकड़ा 43 बच्चे प्रति 1000 है। नीचे दिए गए बार चार्ट में आप प्रत्येक राज्य की स्थिति देख सकते हैं। आपको बता दें कि स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर साल 2019 के बाद का डाटा नहीं है, मगर एक अन्य वेबसाइट Macrotrends के अनुसार साल 2023 में भारत में शिशु मृत्यु दर घटकर प्रति 1000 में 26.62 हो गई है। लेकिन यह डाटा ऑफिशियल नहीं है, इसलिए हमने इसे अपनी रिपोर्ट में नहीं शामिल किया।

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Images & Infographics: Khushi Goel

Source: WHO, Ministry of Health and Family Welfare, Unicef

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