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Varicose Veins: आयुर्वेद में वैरिकोज वेन्स (उभरी नीली नसों) का इलाज कैसे किया जाता है? आयुर्वेदाचार्य से जानें

पैरों में उभरी हुई नसें दिखाई देने पर आप इसे अनदेखा न करें। यह वैरिकोज वेन्स की समस्या हो सकती है। जानें इसका इलाज

 

Vikas Arya
Written by: Vikas AryaUpdated at: Sep 22, 2023 22:00 IST
Varicose Veins: आयुर्वेद में वैरिकोज वेन्स (उभरी नीली नसों) का इलाज कैसे किया जाता है? आयुर्वेदाचार्य से जानें

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उम्र बढ़ने के साथ लोगों की नसों का लचीलापन कम होता जाता है। इससे नसों में खिंचाव आता है और नसों के वाल्व कमजोर होने लगते हैं। ऐसे में हार्ट की ओर रक्त को वापस से जानें में परेशानी होती है। इस समस्या की वजह से नसों में सूजन या उभार आने लगता है। ये  नसें त्वचा पर साफ देखी जा सकती हैं। नीली व उभरी हुई नसों को वैरिकोज वेन्स (Varicose Veins) की समस्या कहा जाता है। अगर, इस समस्या को अनदेखा कर दिया जाए, तो व्यक्ति को चलने-फिरने में भी परेशानी हो सकती है। इसके अलावा, कमर के निचले हिस्से में दर्द की शिकायत हो सकती है। इस समस्या का इलाज आप आयुर्वेद के माध्यम से भी कर सकते हैं। ओनलीमायहेल्थ अपने पाठकों को रोगों से मुक्त बनाने के लिए आयुर्वेद से संबंधित एक विशेष सीरीज ‘आरोग्य विद आयुर्वेद’ लेकर आया है। इसमें आयुर्वेद के अनुभवी डॉक्टरों से बात कर आपको रोगों के निदान और इलाज के कई कारगर उपाय बताए जाते हैं। आज इस सीरीज में हम आपको पैरों की नसों में होने वाली वैरिकोज वेन्स की समस्या के कारण, लक्षण, इलाज और बचाव के बारे में बताया रहे हैं। इस रोग के इलाज को जानने के लिए हमने आयुर्वेद मेडिकल ऑफिसर डॉ. सोनल गर्ग (BAMS, DNHE, YIC) से बात की। उन्होंने बताया कि वैरिकोज वेन्स की समस्या के क्या कारण हो सकते हैं। साथ ही, आयुर्वेद में वैरिकोज वेन्स के इलाज (Ayurvedic Treatment Of Varicose Veins) के बारे में भी विस्तार से बताया।

आयुर्वेद डॉ. सोनल गर्ग (Instagram-Vaidik_era_ayurveda) के अनुसार "वैसे, तो वैरिकोज वेन्स की समस्या किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है। लेकिन, अधिक उम्र में यह समस्या होना एक आम बात है। इसके अलावा, यह रोग महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलता है। दरअसल, प्रेग्नेंसी, मेनोपॉज और पीरियड्स के दौरान होने वाले हार्मोनल बदलाव की वजह से वैरिकोज वेन्स का जोखिम बढ़ जाता है। इसके अलावा, जिन लोगों के परिवार में पहले किसी व्यक्ति को वैरिकोज वेन्स की समस्या होती है, तो ऐसे में उस परिवार के अन्य लोगों को भी यह रोग होने की संभावना अधिक होती है।"

वैरिकोज वेन्स के क्या कारण होते हैं? Causes Of Varicose Veins In Hindi

वैरिकोज वेन्स के कई कारण होते हैं, इनमें कई कारकों को शामिल किया जा सकता है। 

  • प्रेग्नेंसी
  • मोटापा
  • एक ही जगह पर लंबे समय तक खड़े होना
  • उम्र का बढ़ना
  • आनुवांशिक कारण, आदि। 

varicose veins for ayuveda

वैरिकोज वेन्स के लक्षण - Symptoms Of Varicose Veins In Hindi

  • पैरों की नसें सूजी हुई दिखना
  • त्वचा पर नीले रंग की नसें दिखना
  • पैरों में भारीपन
  • चलने में परेशानी होना
  • पैरों की मांसपेशियों में ऐंठन
  • उभरी हुई नसों पर खुजली महसूस होना, आदि।

वैरिकोज वेन्स का आयुर्वेदिक इलाज कैसे किया जाता है? | Varicose Veins Treatment In Ayurveda In Hindi

डॉक्टर के अनुसार वैरिकोज वेन्स की समस्या शरीर में वात, पित्त और रक्त के नियंत्रित होने से होती है। इसका इलाज डॉक्टर औषधियों, थेरेपी और योग की मदद से करते हैं।  

औषधियों से इलाज

इसमें डॉक्टर मरीज को ब्राह्मी, सरीवा, गिलोय, मंजिष्ठा, अदरक और लहसुन आदि औषधियां देते हैं।

पंचकर्म थेरेपी

वैरिकोज वेन्स में आयुर्वेदिक औषधियों से सिद्ध तेल से अभ्यंग, विरेचन, शिरावेधन एवं लीच थेरेपी दी जाती है। इससे मरीज को आराम मिलता है।

योग

वैरिकोज वेन्स की समस्या में मरीज को योग करने की सलाह दी जाती है, जिसमें हलासन, सर्वांगासन, उत्तानासन, बालासन, मत्स्यासन, विपरीतकर्णी आसन करने के लिए कहा जा सकता है। इन आसनों से पैरों के दर्द एवं सूजन में कमी आती है।

वैरिकोज वेन्स का घरेलू उपाय

इस समस्या को दूर करने के लिए आप डिटॉक्स वाटर का उपयोग कर सकते हैं। आगे जानते हैं इसे बनाने का तरीका।

  • इसे बनाने के लिए आप 2 कप पानी को गैस पर चढ़ाएं।
  • इसके बाद इसमें एक चम्मच सौंफ और आधा चम्मच अजवाइन डालें।
  • ऊपर से आधा चम्मच धनिया के बीज और एक चौथाई चम्मच सोंठ डालें।
  • इसके बाद पानी को तब तक उबालें, जब तक वह आधा न रह जाए।
  • इसके बाद गैस को बंद कर दें और चाय को छानकर पिएं।
  • ये चाय शरीर के चैनल्स के ब्लॉकेज को दूर करके वेरिकोज़ वेन की समस्या को दूर करती है।

वैरिकोज वेन्स का बचाव कैसे करें? - Prevention Tips In Varicose Veins In Hindi

  • यदि आपका कार्य लंबे समय तक एक जगह खड़े रहने या एक जगह बैठने का है, तो बीच-बीच में ब्रेक लें और पैरों की मसल्स को स्ट्रेच करें।
  • डेस्क जॉब करते हैं, तो सीट पर बैठकर अपने पांव को कुछ समय तक हवा में लटकाएं और दोबारा नॉर्मल पोजीशन में रखें।
  • धूम्रपान को बंद करें। इससे ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है।
  • टाइट कपड़े न पहनें।

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नसों की किसी भी समस्या को अनदेखा न करें। इससे आपको आने वाले समय में गंभीर रोग होने की समस्या हो सकती है। इस समस्या का इलाज न किया जाए, तो आपके शरीर का निचला हिस्सा काम करना बंद कर सकता है। इस सीरीज में हम आपको आयुर्वेद से जुड़ी अन्य उपयोगी विषयों के बारे में जानकारी देते रहेंगे। आयुर्वेद के द्वारा अन्य रोगों का इलाज को जानने के लिए आप हमारी वेबसाइट www.onlymyhealth.com के साथ जरूर जुड़ें। इन लेखों को अपने दोस्तों और परिचितों के साथ शेयर करें, ताकि इस सीरीज का फायदा अन्य लोगों को भी मिले।

 
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