वायु प्रदूषण

वायु प्रदूषण (Air Pollution) इस समय दुनिया की कुछ सबसे गंभीर स्वास्थ्य और पर्यावरणीय समस्याओं में से एक है। आपको जानकर हैरानी होगी कि हर साल लगभग 50 लाख लोग वायु प्रदूषण के कारण अपनी जान गंवाते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) की मानें तो दुनिया में हर 10 में से 9 लोग प्रदूषित हवा में सांस ले रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि लोगों में प्रदूषण से होने वाली समस्याओं और बीमारियों की जागरूकता हो, तथा उन्हें इससे बचाव के तरीके पता हों। भारत के ज्यादातर शहरों में पूरे साल प्रदूषण का स्तर तय मानकों से ज्यादा बना रहता है, जिसके कारण बड़ी संख्या में लोग श्वसन और फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों का शिकार होते हैं। सर्दियों में यहां प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है। देश की राजधानी दिल्ली समेत भारत के कई बड़े शहरों में सर्दियां शुरू होते ही स्मॉग के कारण घुटन, बेचैनी और सांस की तकलीफें बढ़नी शुरू हो जाती हैं। यही कारण है कि Onlymyhealth.com इन सर्दियों में प्रदूषण को लेकर एक व्यापक कैंपन चला रहा है, जिससे आप प्रदूषण से होने वाले नुकसान और खतरों के बारे में जागरूक हो सकें।

ये कैंपेन इस समय इसलिए भी जरूरी हो जाता है क्योंकि दुनिया पहले ही कोरोना वायरस नामक वैश्विक महामारी से जूझ रही है। कोरोना वायरस के कारण होने वाली बीमारी कोविड-19 भी एक श्वसन संबंधी बीमारी (Respiratory Infection) है, यानी ये बीमारी भी श्वसनतंत्र और फेफड़ों को प्रभावित करती है। ऐसे में कोविड के समय में वायु प्रदूषण काफी गंभीर स्थितियां पैदा कर सकता है। इस कैंपेन के तहत हम आप तक प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों और इससे बचाव के उपायों पर हेल्थ एक्सपर्ट्स, डॉक्टर्स, डायटीशियन्स और न्यूट्रीशनिस्ट्स द्वारा सुझाए गए हेल्थ टिप्स, डाइट टिप्स, जरूरी सावधानियों आदि बातें आर्टिकल्स के जरिए पहुंचाएंगे।

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प्रदूषण कितनी खतरनाक समस्या है, इसका अंदाजा आप WHO और अन्य वैश्विक संस्थानों द्वारा जारी इन आंकड़ों से लगा सकते हैं।

  • दुनिया में होने वाली 9% मौतों का कारण सिर्फ वायु प्रदूषण है। कुछ देशों में ये आंकड़ा 15% तक है।
  • वायु प्रदूषण के कारण हर साल लगभग 50 लाख लोग अपनी जान गंवाते हैं।
  • बाहर की जहरीली हवा के अलावा घरेलू प्रदूषण (Inside Pollution) के कारण भी हर साल 38 लाख लोगों की मौत होती है।
  • दुनिया की 91% आबादी इस समय ऐसी हवा में सांस लेने को मजबूर है, जो WHO की तय गाइडलाइन लिमिट्स से कहीं ज्यादा है, यानी प्रदूषित है।

इसके अलावा प्रदूषण से जुड़े कुछ अन्य तथ्य जो आपको चौंका सकते हैं:

  • प्रदूषण का असर सिर्फ फेफड़ों पर नहीं, बल्कि शरीर के 10 से ज्यादा अंगों पर पड़ता है, जिनमें मुख्य रूप से आपका हृदय (Heart), किडनी (Kidney), आंखें (Eyes), पाचनतंत्र (Digestive System), लिवर (LIver) और मस्तिष्क (Brain) जैसे महत्वपूर्ण अंग शामिल हैं।
  • प्रदूषण के गंभीर प्रभावों के कारण व्यक्ति के शरीर के कई अंग पूरी तरह डैमेज हो सकते हैं, जिसे मेडिकल भाषा में Multiple Organ Failure कहते हैं।
  • प्रदूषण आपको कई तरह के कैंसर का शिकार बना सकता है।
  • प्रदूषण के कारण पहले से किसी बीमारी से जूझ रहे मरीज की स्थिति खराब हो सकती है।

अगर आप स्वयं को और अपने परिवार को प्रदूषण के इस खतरनाक प्रकोप से बचाना चाहते हैं, और वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से लड़ते हुए प्रदूषण के खतरों से बचना चाहते हैं, तो हमारे इस कैंपेन से जुड़िए और हमारे फेसबुक पेज, ट्विटर पेज और इंस्टाग्राम पेज को फॉलो करिए जहां आप भारत के बेहतरीन हेल्थ एक्सपर्ट्स की राय और टिप्स सीधे पढ़ सकते हैं, लाइव डिबेट्स सुन सकते हैं और अपने सवाल भी रख सकते हैं।