35th Week Pregnancy: प्रेग्नेंसी के 35वें सप्ताह के लक्षण, सावधानियां और जरूरी बातें

35 सप्ताह की गर्भावस्था के दौरान शिशु के विकास, गर्भावस्था के लक्षण, परीक्षण के बारे में जानने के लिए इस लेख को पूरा पढ़ें-

 

Vikas Arya
Written by: Vikas AryaUpdated at: Sep 07, 2023 13:31 IST
35th Week Pregnancy: प्रेग्नेंसी के 35वें सप्ताह के लक्षण, सावधानियां और जरूरी बातें

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प्रेग्नेंसी के 35वें सप्ताह में अधिकतर महिलाओं को थकान होने लगती है। इस समय तक बच्चे की डिलीवरी का दिन बेहद करीब होता है। ऐसे में महिलाओं के शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलावों की वजह से उनको गहरी नींद लेने में परेशानी होती है। स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. विभा बंसल से आगे जानते हैं प्रेग्नेंसी के 35वें सप्ताह में महिलाओं को महसूस होने वाले लक्षण व भ्रूण के विकास के विषय में।

प्रेग्नेंसी के 35वें सप्ताह में महिलाओं को महसूस होने वाले लक्षण - 35th Week Of Pregnancy Symptoms in Hindi

प्रेग्नेंसी के 35वें सप्ताह में सामान्यतः महिलाओं को डिलीवरी को लेकर कई तरह के विचार आते हैं। देखा जाता है कि इस समय महिलाएं घबराने लगती हैं। ऐसे में उनको किसी भी तरह के नकारात्मक विचारों से बचना चाहिए और डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। आगे जानते हैं गर्भावस्था के 35वें सप्ताह में महिलाओं को महसूस होने वाले लक्षण के बारे में। 

सीने में जलन होना 

प्रेग्नेंसी के 35वें सप्ताह में अधिकतर गर्भवती महिलाओं को सीने में जलन महसूस होती है। महिला के शरीर के अंदरूनी अंगों में दबाव की वजह से उनको पाचन क्रिया में परेशानी व एसिड बनने की समस्या होने लगती है। इसके साथ ही कुछ महिलाओं को गैस व पेट फूलने की समस्या भी हो सकती है। इस समस्या को कम करने के लिए महिलाएं कई उपायों को अपना सकती हैं। इस तरह की समस्या होने पर महिलाओं को अपनी डाइट में बदलाव करना चाहिए। साथ ही ऐसे आहार खाने से बचना चाहिए, जिससे उन्हें गैस व एसिड बनती हो। इस समय महिलाओं को एक साथ अधिक आहार लेने की अपेक्षा कुछ घंटों के अंतराल में थोड़ा-थोड़ा आहार खाना चाहिए।

35 week pregnancy in hindi

प्रेग्नेंसी में बवासीर होना 

गर्भावस्था की तीसरी तिमाही के दौरान बवासीर की समस्या होना बहुत आम लक्षण है। गर्भाशय के बढ़ते आकार व प्रोजेस्ट्रोन के स्तर में बढ़ोतरी की वजह से महिलाओं के मलाशय से जुड़ी नसों में सूजन आ जाती है। बवासीर में अक्सर खुजली और हल्का दर्द होता है। वहीं कुछ महिलाओं को खासकर मल त्याग के दौरान तनाव महसूस होता है। महिलाओं को पाचन क्रिया दुरुस्त बनाए रखने के लिए एक्सरसाइज करनी चाहिए। साथ ही डाइट में फाइबर युक्त आहार अधिक लेना चाहिए। इसके अलावा पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए। 

सिर दर्द होना 

प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही के अंतिम दौर में महिलाओं को थकान, डिहाइड्रेशन और भूख लगने पर सिरदर्द की समस्या होने लगती है। चिंता व तनाव की वजह से भी प्रेग्नेंसी के समय महिलाओं को सिर में दर्द हो सकता है। इस सप्ताह में महिलाओं को सिर दर्द होने पर गर्म व ठंड़ी बोतल से सिकाई करनी चाहिए। इससे सिरदर्द में आराम मिलता है। 

आंखों की रोशनी प्रभावित होना 

प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में अधिकतर महिलाओं की आंखों की रोशनी कमजोर हो जाती है। इस समय महिलाओं को धुंधला दिखाई देने लगता है। इसके अलावा महिलाओं की आंखे ड्राई भी हो जाती है। गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में महिलाओं को पास की चीजें देखने में समस्या होती है। यदि महिलाओं ये समस्या गंभीर रूप से हो रही है तो ऐसे में उनको डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए। 

प्रेग्नेंसी के 35वें सप्ताह में महिलाओं को महसूस होने वाले अन्य लक्षण

  • ब्रैक्सटन हिक्स कॉन्ट्रेक्शन होना 
  • पीठ में दर्द 
  • पैरों में ऐंठन होना
  • हाथ-पैरों में सूजन होना
  • यूरिन इंफेक्शन होना, आदि। 

प्रेग्नेंसी के 35वें सप्ताह में भ्रूण का विकास कितना होता है? - Fetus Development During 35th Week Of Pregnancy in Hindi

प्रेग्नेंसी के 35वें सप्ताह तक भ्रूण का वजन करीब 2.2 से 2.4 किलोग्राम तक हो जाता है। इस सप्ताह तक महिलाओं को बच्चे की हलचल अधिक महसूस होती है। गर्भ में बच्चा एक चौथाई एमनियोटिक फ्लूयड में सुरक्षित रहता है। इस समय तक भ्रूण की किडनी पूरी तरह से विकसित हो जाती है। साथ ही उसके शरीर की आंतों में पहला मल में बनने लगता है। 

विशेष सूचना - किसी भी तरह के गंभीर लक्षण दिखाई देने पर तुरंत नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें। 

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प्रेनगेंसी के 35वें सप्ताह से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न - FAQ’s for Week-by-Week Stages of Pregnancy In Hindi

प्रेग्नेंसी के 35वें सप्ताह में किस तरह सोना चाहिए?

प्रेग्नेंसी के 35वें सप्ताह में महिलाओं को रात में नींंद लेते समय परेशानी हो सकती है। यदि महिलाओं को रात में पर्याप्त नींद न आए, तो उन्हें दिन के समय कुछ देर के लिए नींद लेनी चाहिए। इसके साथ ही उन्हें सोते समय पैरों के बीच में तकिया लगाकर सोना चाहिए। इसके अलावा पीठ के बल सोने से बचना चाहिए। इससे गर्भाशय पर दबाव बनता है। 

35वें सप्ताह की गर्भवस्था में डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए?

प्रेग्नेंसी के 35वें सप्ताह में बच्चे के स्वास्थ की नियमित जांच के लिए महिलाओं को सप्ताह में दो बार डॉक्टर के पास जाना चाहिए। इस समय बच्चे को किसी भी तरह की पेरशानी न हो, इसलिए महिलाओं को सचेत रहने की आवश्यकता होती है। 

प्रेग्नेंसी के 35वें सप्ताह में त्वचा पर खुजली होने पर क्या करना चाहिए?

प्रेग्नेंसी के 35वें सप्ताह में महिलाओं को पेट से स्तनों की ओर खिंचाव महसूस होता है। इसकी वजह से त्वचा में खुजली भी होने लगती है। इस परेशानी में महिलाओं को खुजली वाली जगह पर मॉइस्चराइजर लगानी चाहिए। 

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